Lyrics
जाने है कितना बेचैन मन
जाने है कैसा दीवानापन, दीवानापन
कभी ना सुकूँ आया, कभी ना क़रार आया
जब से है तुम पे मुझ को प्यार आया
जाने है कितना बेचैन मन
जाने है कैसा दीवानापन, दीवानापन
कभी ना सुकूँ आया, कभी ना क़रार आया
कभी ना सुकूँ आया, कभी ना क़रार आया
जब से है तुम पे मुझ को प्यार आया
कभी ना सुकूँ आया, कभी ना क़रार आया
जब से है तुम पे मुझ को प्यार आया, प्यार आया
तू तसव्वुर में मेरे, तू ही बातों में
तू अफ़साने में मेरे, तू ही यादों में
कभी ना सुकूँ आया, कभी ना क़रार आया
जब से है तुम पे मुझ को प्यार आया
कभी ना सुकूँ आया, कभी ना क़रार आया
जब से है तुम पे मुझ को प्यार आया
बेक़रारी बढ़ी कब, कैसे
ये दिल ना समझ पाए
बदला-बदला लगे ये आलम
अनजाना नशा छाए
ठहरी ज़मीं, ठहरा है पल
मन में मची क्यूँ हलचल?
सब कुछ अलग सा लगने लगा
ये दर्द कैसा जगने लगा, जगने लगा?
कभी ना सुकूँ आया, कभी ना क़रार आया
जब से है तुम पे मुझ को प्यार आया
दिल्लगी-दिल्लगी में कैसे
मैं ख़ुद को भुला बैठी
मैंने तो कुछ ना सोचा-समझा
सपने भी सजा बैठी
अब कोई बस चलता नहीं
इक लम्हा ढलता नहीं
चुभने लगी क्यूँ ये दूरियाँ?
कोई ना जाने मजबूरियाँ, मजबूरियाँ
कभी ना सुकूँ आया, कभी ना क़रार आया
जब से है तुम पे मुझ को प्यार आया
कभी ना सुकूँ आया, कभी ना क़रार आया
जब से है तुम पे मुझ को प्यार आया (प्यार आया)
प्यार आया (प्यार आया)
प्यार आया (प्यार आया)
प्यार आया (प्यार आया)
Writer(s): Sameer
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