Lyrics

याद नहीं, याद नहीं... याद नहीं क्या-क्या देखा था... याद नहीं क्या-क्या देखा था, सारे मंज़र भूल गए याद नहीं क्या-क्या देखा था, सारे मंज़र भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे, अपना भी घर भूल गए याद नहीं, याद नहीं... ख़ूब गए परदेस कि अपने दीवार-ओ-दर भूल गए ख़ूब गए परदेस कि अपने दीवार-ओ-दर भूल गए शीश-महल ने ऐसा घेरा, मिट्टी के घर भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे, अपना भी घर भूल गए याद नहीं, याद नहीं... तुझको भी जब अपनी क़स्में, अपने वादे याद नहीं तुझको भी जब अपनी क़स्में, अपने वादे याद नहीं हम भी अपने ख़्वाब तेरी आँखों में रख कर भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे, अपना भी घर भूल गए याद नहीं, याद नहीं... मुझको जिन्होंने क़त्ल किया है, कोई उन्हें बतलाए, नज़ीर मुझको जिन्होंने क़त्ल किया है, कोई उन्हें बतलाए, नज़ीर मेरी लाश के पहलू में वो अपना ख़ंजर भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे, अपना भी घर भूल गए याद नहीं क्या-क्या देखा था, सारे मंज़र भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे, अपना भी घर भूल गए याद नहीं, याद नहीं... याद नहीं, याद नहीं...
Writer(s): Jagjit Singh, Nazeer Baqari Lyrics powered by www.musixmatch.com
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