Lyrics
मुझको सज़ा दे या चाहे भुला दे
तुझ बिन जियूँ क्यूँ? बस इतना बता दे
चाहे हँसा दे या चाहे रुला दे
इतना ही चाहूँ, बस अपनी पनाह दे
तू जो कहे दुनिया भुला दूँ मैं
तुझको ही अपनी दुनिया बना लूँ मैं
तू जो कहे दुनिया भुला दूँ मैं
तुझको ही अपनी दुनिया बना लूँ मैं
कोई सहर सी जो तेरी यादें याद आती हैं
बुझी बुझी रातों को यूँ रोशन कर जाती हैं
कोई सहर सी जो तेरी यादें याद आती हैं
बुझी बुझी रातों को यूँ रोशन कर जाती...
जो तू है जुदा, ख़ुद से हूँ ख़फ़ा
कर दे तू सफ़ा इक दफ़ा
तू जो कहे दुनिया भुला दूँ मैं
तुझको ही अपनी दुनिया बना लूँ मैं
तू जो कहे दुनिया भुला दूँ मैं
तुझको ही अपनी दुनिया बना लूँ मैं
तू जो कहे दुनिया भुला दूँ मैं
तुझको ही अपनी दुनिया बना लूँ मैं
Writer(s): Palash Muchhal, Palak Muchhal
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