Lyrics
मेरी जाँ
मुझे जाँ न कहो मेरी जाँ
मेरी जाँ, मेरी जाँ
मुझे जाँ न कहो मेरी जाँ
मेरी जाँ, मेरी जाँ
जाँ न कहो अंजान मुझे
जान कहाँ रहती है सदा
जाँ न कहो अंजान मुझे
जान कहाँ रहती है सदा
अंजाने, क्या जाने
जान के जाए कौन भला
मेरी जाँ
मुझे जाँ न कहो मेरी जाँ
मेरी जाँ, मेरी जाँ
सूखे सावन बरस गए
कितनी बार इन आँखों से
सूखे सावन बरस गए
कितनी बार इन आँखों से
दो बूँदें ना बरसे
इन भीगी पलकों से
मेरी जाँ
मुझे जाँ न कहो मेरी जाँ
मेरी जाँ, मेरी जाँ
होंठ झुके जब होंठों पर
साँस उलझी हो साँसों में
होंठ झुके जब होंठों पर
साँस उलझी हो साँसों में
दो जुड़वाँ होंठों की
बात कहो आँखों से
मेरी जाँ
मुझे जाँ न कहो मेरी जाँ
मेरी जाँ, मेरी जाँ
मुझे जाँ न कहो मेरी जाँ
मेरी जाँ, मेरी जाँ
Writer(s): Kanu Roy, Gulzar, Shraddha Kuhupriya, Dheeraj Virendra Grover
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