Lyrics
मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी
नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही
मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी
नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही
मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी
बेचारा कहाँ जानता है, ख़लिश है ये, क्या ख़ला है
शहर-भर की ख़ुशी से ये दर्द मेरा भला है
जश्न ये रास ना आए, मज़ा तो बस ग़म में आया है
मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी
नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही
कभी है इश्क़ का उजाला, कभी है मौत का अँधेरा
बताओ कौन भेस होगा, मैं जोगी बनूँ या लुटेरा?
कई चेहरे हैं इस दिल के, ना जाने कौन सा मेरा
मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी
नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही
हज़ारों ऐसे फ़ासले थे, जो तय करने चले थे
राहें मगर चल पड़ी थीं और पीछे हम रह गए थे
क़दम दो-चार चल पाए, किए फेरे तेरे मन के
मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी
नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही
मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना ख़ुशी
नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही
Writer(s): Neelesh Misra, M. M. Kreem
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