Lyrics

जो बीच बजरिया... जो बीच बजरिया तूने मेरी पकड़ी बैयाँ मैं सबको बोल दूँगी जब रात मा कोई ना जागे, आइयो सैयाँ मैं खिड़की खोल दूँगी जो बीच बजरिया तूने मेरी पकड़ी बैयाँ मैं सबको बोल दूँगी जब रात मा कोई ना जागे, आइयो सैयाँ मैं खिड़की खोल दूँगी झूलने का झूला साजन, तुझे मैं झुलाऊँगी कलियों की सेज पे मैं तुझको सुलाऊँगी झूलने का झूला साजन, तुझे मैं झुलाऊँगी कलियों की सेज पे मैं तुझको सुलाऊँगी अपने होंठों का... अपने होंठों का रस तेरे होंठों पे, राजा क़सम से घोल दूँगी अपने होंठों का रस तेरे होंठों पे, राजा क़सम से घोल दूँगी जब रात मा कोई ना जागे, आइयो सैयाँ मैं खिड़की खोल दूँगी करूँगी गुलामी, तेरे नख़रे उठाऊँगी चढ़ती जवानी सारी तुझ पे लुटाऊँगी करूँगी गुलामी, तेरे नख़रे उठाऊँगी चढ़ती जवानी सारी तुझ पे लुटाऊँगी सोने-चाँदी में... सोने-चाँदी में एक दिन मोरे, बाँके बलमा तुझे मैं तोल दूँगी जब रात मा कोई ना जागे, आइयो सैयाँ मैं खिड़की खोल दूँगी जो बीच बजरिया तूने मेरी पकड़ी बैयाँ मैं सबको बोल दूँगी जब रात मा कोई ना जागे, आइयो सैयाँ मैं खिड़की खोल दूँगी
Writer(s): Sameer, Shravan, Nadeem Nadeem Lyrics powered by www.musixmatch.com
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