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शिवो हम, शिवो हम शिवो हम, शिवो हम शिवो हम, शिवो हम शिवो हम, शिवो हम अमर आत्मा सच्चिदानंद मैं हूँ अमर आत्मा सच्चिदान्द मैं हूँ शिवो हम, शिवो हम शिवो हम, शिवो हम जिसे शस्त्र काटे ना आग्नि जलाए गलाए ना पानी ना मृत्यु मिटाए जिसे शस्त्र काटे ना आग्नि जलाए गलाए ना पानी ना मृत्यु मिटाए वही आत्मा सच्चिदानंद मैं हूँ शिवो हम, शिवो हम शिवो हम, शिवो हम जो व्यापक है कण-कण में है वास जिसका नहीं तीनों कालों में है नाश जिसका जो व्यापक है कण-कण में है वास जिसका नहीं तीनों कालों में है नाश जिसका वही आत्मा सच्चिदानंद मैं हूँ शिवो हम, शिवो हम शिवो हम, शिवो हम अमर आत्मा है मरण शील काया सभी प्राणियों के जो भीतर समाया अमर आत्मा है मरण शील काया सभी प्राणियों के जो भीतर समाया वही आत्मा सच्चिदानंद मैं हूँ शिवो हम, शिवो हम शिवो हम, शिवो हम यही ज्ञान अर्जुन को हरी ने सुनाया यही ज्ञान वेदों में ऋषियों ने पाया यही ज्ञान अर्जुन को हरी ने सुनाया यही ज्ञान वेदों में ऋषियों ने पाया वही आत्मा सच्चिदानंद मैं हूँ शिवो हम, शिवो हम शिवो हम, शिवो हम
Writer(s): Balkrishan Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com
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