Lyrics
Hello, हिंदुस्तान का देहरादून?
Hello, मैं रंगून से बोल रहा हूँ
मैं अपनी बीवी, रेणुका देवी से बात करना चाहता हूँ
हाँ-हाँ
मेरे पिया, ओ, मेरे पिया गए रंगून
किया है वहाँ से telephone
तुम्हारी याद सताती है, तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
मेरे पिया गए रंगून, किया है वहाँ से telephone
तुम्हारी याद सताती है, तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
हम छोड़ के हिंदुस्तान बहुत पछताए, बहुत पछताए
हम छोड़ के हिंदुस्तान बहुत पछताए, बहुत पछताए
हुई भूल जो तुमको साथ ना लेकर आए
हुई भूल जो तुमको साथ ना लेकर आए
हम बरमा की गलियों में और तुम हो देहरादून
तुम्हारी याद सताती है, तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
मेरे पिया गए रंगून, किया है वहाँ से telephone
तुम्हारी याद सताती है, तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
मेरी भूख-प्यास भी खो गई ग़म के मारे, ग़म के मारे
मेरी भूख-प्यास भी खो गई ग़म के मारे, ग़म के मारे
में अधमुँही सी हो गई ग़म के मारे
में अधमुँही सी हो गई ग़म के मारे
तुम बिन साजन, जनवरी-फरवरी बन गए मई और जून
तुम्हारी याद सताती है, तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
मेरे पिया गए रंगून, किया है वहाँ से telephone
तुम्हारी याद सताती है, तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
अजी, तुमसे बिछड़ के हो गए हम संन्यासी, हम संन्यासी
अजी, तुमसे बिछड़ के...
तुमसे बिछड़ के हो गए हम संन्यासी, हम संन्यासी
खा लेते हैं जो मिल जाए, रूखी, सूखी, बासी
खा लेते हैं जो मिल जाए, रूखी, सूखी, बासी
अजी, लुंगी बाँध के करें गुज़ारा, भूल गए पतलून
तुम्हारी याद सताती है, तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
मेरे पिया गए रंगून, किया है वहाँ से telephone
तुम्हारी याद सताती है, तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
Writer(s): Rajinder Krishan, Chitalkar Ramchandra
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