Lyrics

वो हैं ज़रा ख़फ़ा-ख़फ़ा तो नैन यूँ चुराए हैं कि हो-हो, हो-हो, हो वो हैं ज़रा ख़फ़ा-ख़फ़ा तो नैन यूँ चुराए हैं कि हो-हो, हो-हो, हो ना बोल दूँ तो क्या करूँ? वो हँस के यूँ बुलाए हैं कि हो-हो, हो-हो, हो हँस रही है चाँदनी, मचल के रो ना दूँ कहीं ऐसे कोई रूठता नहीं ये तेरा ख़याल है, क़रीब आ, मेरे हसीं मुझको तुझसे कुछ गिला नहीं बात यूँ बनाए हैं कि हो-हो, हो-हो, हो वो हैं ज़रा ख़फ़ा-ख़फ़ा तो नैन यूँ चुराए हैं कि हो-हो, हो-हो, हो फूल को महक मिले, ये रात रंग में ढले मुझ पे तेरी ज़ुल्फ़ 'गर खुले तुम ही मेरे संग हो, गगन की छाँव के तले ये रुत यूँ ही भोर तक चले प्यार यूँ जताए हैं कि हो-हो, हो-हो, हो ना बोल दूँ तो क्या करूँ? वो हँस के यूँ बुलाए हैं कि हो-हो, हो-हो, हो ऐसे मत सताइए, ज़रा तरस तो खाइए दिल की धड़कन मत जगाइए कुछ नहीं कहूँगा मैं, ना अँखड़ियाँ झुकाइए सर को काँधे से उठाइए ऐसे नींद आए हैं कि Mm-mm, mm-hm, हो वो हैं ज़रा ख़फ़ा-ख़फ़ा तो नैन यूँ चुराए हैं कि हो-हो, हो-हो हो-हो, हो-हो वो हैं ज़रा ख़फ़ा-ख़फ़ा तो नैन यूँ चुराए हैं कि ना बोल दूँ तो क्या करूँ? वो हँस के यूँ बुलाए हैं कि हो-हो, हो-हो, हो
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri Lyrics powered by www.musixmatch.com
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