Lyrics

रात का नशा अभी आँख से गया नहीं रात का नशा अभी आँख से गया नहीं तेरा नशीला बदन बाँहों ने छोड़ा नहीं आँखें तो खोली, मगर सपना वो तोड़ा नहीं हाँ, वहीं, हो, वहीं साँसों पे रखा हुआ तेरे होंठों का सपना अभी है वहीं ओ, रात का नशा अभी आँख से गया नहीं रात का नशा अभी आँख से गया नहीं तेरे बिना भी कभी तुझ से मचल लेती हूँ करवट बदलती हूँ तो सपना बदल लेती हूँ तेरे बिना भी कभी तो तुझ से मचल लेती हूँ करवट बदलती हूँ तो सपना बदल लेती हूँ तेरा ख़याल आया तो बल खा के पल जाते हैं पानी के चादर तले तन मेरा जल जाता है हाँ, वहीं, हो, वहीं साँसों पे रखा हुआ तेरे होंठों का सपना अभी है वहीं ओ, रात का नशा अभी आँख से गया नहीं रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
Writer(s): Gulzar, Anu Malik Lyrics powered by www.musixmatch.com
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