Lyrics

पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे कि मैं तन-मन की सुध-बुध गँवा बैठी पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे कि मैं तन-मन की सुध-बुध गँवा बैठी हर आहट पे समझी, वो आय गयो रे हर आहट पे समझी, वो आय गयो रे झट घूँघट में मुखड़ा छुपा बैठी पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे मोरे अंगना में जब पुरबैया चली मोरे द्वारे की खुल गई किवड़िया मोरे अंगना में जब पुरबैया चली मोरे द्वारे की खुल गई किवड़िया ओ, दैया, द्वारे की खुल गई किवड़िया मैंने जाना कि आ गए साँवरिया मोरे मैंने जाना कि आ गए साँवरिया मोरे झट फूलन की सजिया पे जा बैठी पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे कि मैं तन-मन की सुध-बुध गँवा बैठी पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे मैंने सेंदूर से माँग अपनी भरी रूप सैयाँ के कारण सजाया मैंने सेंदूर से माँग अपनी भरी रूप सैयाँ के कारण सजाया ओ, मैंने सैयाँ के कारण सजाया इस डर से कि पिय की नजर ना लगे इस डर से कि पिय की नजर ना लगे झट नैनन में कजरा लगा बैठी पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे कि मैं तन-मन की सुध-बुध गँवा बैठी हर आहट पे समझी, वो आय गयो रे झट घूँघट में मुखड़ा छुपा बैठी पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे
Writer(s): Hemant Kumar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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