Lyrics
फिर वही रात है
फिर वही रात है ख्वाब की
फिर वही रात है
फिर वही रात है ख्वाब की
हो, रात भर ख्वाब में
देखा करेंगे तुम्हे
फिर वही रात है
मासूम सी नींद में
जब कोई सपना चले
हो, हम को बुला लेना तुम
पलकों के पर्दे तले
हो, ये रात है ख्वाब की
ख्वाब की रात है
फिर वही रात है
फिर वही रात है
फिर वही रात है ख्वाब की
काँच के ख्वाब हैं
आँखों में चुभ जाएंगे
हो, पलकों में लेना इन्हें
आँखों में रुक जायेंगे
हो, रात है ख्वाब की
ख्वाब की रात है
फिर वही रात है
फिर वही रात है
फिर वही रात है ख्वाब की
फिर वही रात है
फिर वही रात है ख्वाब की
रात है ख्वाब की
रात है ख्वाब की
Writer(s): Gulzar, Burman Dev, Kohli Rochak
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