Lyrics

"कान्हा", "कान्हा" कब से पुकारूँ हर पल तोरी राह निहारूँ "कान्हा", "कान्हा" कब से पुकारूँ हर पल तोरी राह निहारूँ बीती जाए अपनी उमरिया अब तो दरस दिखा दो मोरे कान्हा, अब तो दरस दिखा दो "कान्हा", "कान्हा" कब से पुकारूँ हर पल तोरी राह निहारूँ जब से तुझ संग नैना लागे और कहीं ना लागे और कहीं ना लागे दरस के प्यासे मोरे नैना दिन-रैना हैं जागे दिन-रैना हैं जागे अब तो आकर, मोरे कान्हा नैनों की प्यास बुझा दो मोरे कान्हा, अब तो दरस दिखा दो "कान्हा", "कान्हा" कब से पुकारूँ हर पल तोरी राह निहारूँ मैंने सुना, तुम सुनते हो सबकी, मेरी बार क्यूँ देरी? मेरी बार क्यूँ देरी? सबकी तुमने बिगड़ी बना दी, मुझसे आँख क्यूँ फेरी? मुझसे आँख क्यूँ फेरी? यूँ तरसाना छोड़ के, मोहन दासी की बिगड़ी बना दो मोरे कान्हा, अब तो दरस दिखा दो "कान्हा", "कान्हा" कब से पुकारूँ हर पल तोरी राह निहारूँ बीती जाए अपनी उमरिया अब तो दरस दिखा दो मोरे कान्हा, अब तो दरस दिखा दो "कान्हा", "कान्हा" कब से पुकारूँ हर पल तोरी राह निहारूँ
Writer(s): Pyasa Anjum, Javed Hussain Lyrics powered by www.musixmatch.com
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