Top Songs By Tirpti Shakya
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Credits
PERFORMING ARTISTS
Tripti Shakya
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Sohan Lal
Composer
Tripti Shakya
Songwriter
Lyrics
भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
लोचन अभिरामा, तन घनस्यामा, निज आयुध भुजचारी
भूषण बनमाला, नयन विशाला, शोभा सिंधु खरारी
(लोचन अभिरामा, तन घनस्यामा, निज आयुध भुजचारी)
(भूषण बनमाला, नयन विशाला, शोभा सिंधु खरारी)
भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
कह दुई कर जोरी, अस्तुति तोरी, केहि विधि करूं अनंता
माया गुन ग्याना तीत अमाना, वेद, पुरान भनंता
(कह दुई कर जोरी, अस्तुति तोरी, केहि विधि करूं अनंता)
(माया गुन ग्याना तीत अमाना, वेद, पुरान भनंता)
भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
करुणा सुख सागर, सब गुन आगर, जेहि गावहिं श्रुति संता
सो मम हित कारी, जन अनुरागी, प्रगट भये श्रीकंता
(करुणा सुख सागर, सब गुन आगर, जेहि गावहिं श्रुति संता)
(सो मम हित कारी, जन अनुरागी, प्रगट भये श्रीकंता)
भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया, रोम-रोम प्रति वेद कहे
मम उर सो बासी, यह उपहासी, सुनत धीर मति थिर ना रहे
(ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया, रोम-रोम प्रति वेद रहे)
(मम उर सो बासी, यह उपहासी, सुनत धीर मति थिर ना रहे)
भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
उपजा जब ग्याना, प्रभु मुस्काना, चरित बहु विधि कीन्ह चहै
कहि कथा सुनाई, मातु बुझाई, जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै
(उपजा जब ग्याना, प्रभु मुस्काना, चरित बहु विधि कीन्ह चहै)
(कहि कथा सुनाई, मातु बुझाई, जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै)
भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
माता पुनि बोली, सो मति डोली, तजहुँ तात यह रूपा
कीजै शिशु लीला, अति प्रियशीला, यह सुख परम अनूपा
(माता पुनि बोली, सो मति डोली, तजहुँ तात यह रूपा)
(कीजै शिशु लीला, अति प्रियशीला, यह सुख परम अनूपा)
भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
सुनि वचन सुजाना, रोदन ठाना, होई बालक सुरभूपा
यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं, ते ना परहिं भवकूपा
(सुनि बचन सुजाना, रोदन ठाना, होई बालक सुरभूपा)
(यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं, ते ना परहिं भवकूपा)
भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
(भये प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौशल्या हितकारी)
(हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी)
Writer(s): Sohan Lal, Tripti Shakya
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