Lyrics
अब है सामने, इसे छू लूँ ज़रा
मर जाऊँ या...
धूप में जलते हुए तन को
छाया पेड़ की मिल गयी
रूठे बच्चे की हँसी जैसे
फुसलाने से फिर खिल गयी
कुछ ऐसा ही अब
महसूस दिल को हो रहा है
बरसों के पुराने ज़ख्म पे
मरहम लगा सा है
कुछ ऐसा रहम इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने, इसे छू लूँ ज़रा
मर जाऊँ या जी लूँ ज़रा
खुशियाँ चूम लूँ या रो लूँ ज़रा
मर जाऊँ या जी लूँ ज़रा
अभी मुझ में कहीं
बाक़ी थोड़ी सी है ज़िंदगी
जगी धड़कन नई
जाना ज़िंदा हूँ मैं तो अभी
एक ऐसी चुभन इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने, इसे छू लूँ ज़रा
मर जाऊँ या जी लूँ ज़रा
खुशियाँ चूम लूँ या रो लूँ ज़रा
मर जाऊँ या जी लूँ ज़रा
Writer(s): Ajay Gogavale, Atul Gogavale, Amitabh Bhattacharya
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