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तुम ने जो है माँगा तो दिल ये हाज़िर हो गया
तुम को माना मंज़िल और मुसाफ़िर हो गया
तुम ने जो है माँगा तो दिल ये हाज़िर हो गया
तुम को माना मंज़िल और मुसाफ़िर हो गया
लो सफ़र शुरू हो गया, हमसफ़र तू हो गया
लो सफ़र शुरू हो गया, मेरा हमसफ़र तू हो गया
दिल की बेचैनी को आया अब कहीं आराम है
तुम ना हो तो सोचता दिल तुझ को सुब्ह-ओ-शाम है
इस कदर तू हर इक पल में मेरे शामिल हो गया
लो सफ़र शुरू हो गया, हमसफ़र तू हो गया
लो सफ़र शुरू हो गया, मेरा हमसफ़र तू हो गया
जब से तुम ने बाँह थामी, रास्ते आसान हैं
खुशनुमा है मेरी सुबहें, दिलनशी हर शाम है
ज़िंदगी के अच्छेपन से मैं भी वाक़िफ़ हो गया
लो सफ़र शुरू हो गया, हमसफ़र तू हो गया
लो सफ़र शुरू हो गया, मेरा हमसफ़र तू हो गया
Writer(s): Sayeed Quadri, Mithoon
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