Lyrics
ये बंदा कौन है, लगता अजीब है
कल्ले ही बैठा है, क्या तेरा नसीब है?
कोई जो पूछे तो कहता यही है
कोई जो पूछे तो कहता यही है
"है इश्क़ से बैर मेरा, मुझे इश्क़ नहीं आता
मैं सच कहता हूँ, यारों, कोई चेहरा नहीं भाता"
हाँ, ज़ख़म ही इतने गहरे हैं, दिन-रात उन्ही के पहरे हैं
जो आग लगी है दिल में उसे बुझना नहीं आता
ये इश्क़ की गहरी किताबें मुझे पढ़ना नहीं आता
ना फ़िकर जताओ मेरी, मुझे इश्क़ नहीं भाता
ये लड़का कौन है, लगता तो ठीक है
कल्ले ही बैठा है, क्या तेरा नसीब है?
हर साँस में देखो कैसे, हो ज़हर मिलाया जैसे
हर साँस में देखो कैसे, हो ज़हर मिलाया जैसे
चख़-चख़ के मर गया दिल, उसे जीना नहीं आता
चख़-चख़ के थक गया दिल, उसे चलना नहीं आता
ये इश्क़ की गहरी किताबें मुझे पढ़ना नहीं आता
बाज़ार में बिकते कपड़े या बिकता इश्क़ है ग़ालिब?
बाज़ार में बिकते कपड़े या बिकता इश्क़ है ग़ालिब?
ना माँग मुनाफ़ा इन से, यहाँ कोई नहीं है मुनासिब
ना माँग मुनाफ़ा इन से, यहाँ कोई नहीं है मुनासिब
फ़िर हुआ यूँ कि
तोड़ के सारे वादे मैंने उसको छोड़ दिया
भूल के सारी बातें ਮੈਂ ਤਾਂ ਹੱਥਾਂ ਜੋੜ ਲਿਆ
भूल के सारी बातें ਮੈਂ ਤਾਂ ਹੱਥਾਂ ਜੋੜ ਲਿਆ
हर साँस में देखो कैसे, हो ज़हर मिलाया जैसे
हर साँस में देखो कैसे, हो ज़हर मिलाया जैसे
चख़-चख़ के मर गया दिल, उसे जीना नहीं आता
चख़-चख़ के थक गया दिल, उसे चलना नहीं आता
Writer(s): Aditya Yadav
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