Lyrics

जिनके पैर हमेशा मिट्ठी से सने रहते हैं जिनके पैर हमेशा मिट्ठी से सने रहते हैं उन पेड़ो के ही साए सबसे घने रहते हैं वो बड़े बनते हैं वो बड़े बनते हैं और बने रहते हैं जिनके पैर हमेशा आच्छा करो तो आच्छा होगा कहने वाले जानो आच्छा करो तो आच्छा होगा कहने वाले जानो जाकर देखो पत्थर किसपे तने रहते हैं जिनके पैर हमेशा जो बोए वोही खाए कहने वाले जानो जो बोए वोही खाए कहने वाले जानो देखो किस थाली में कितने चने रहते हैं जिनके पैर हमेशा मेरा जोर चलें तो हर मौत पे जाकर देखूं मेरा जोर चलें तो हर मौत पे जाकर देखूं कितने पराए बंदे कितने अपने रहते हैं जिनके पैर हमेशा जो दिल में हो वोही गाए राहगीर उन्हीके हरदम जो दिल में हो वोही गाए राहगीर उन्हीके हरदम दिलवालो की महफ़िल में क्या कहने रहते हैं जिनके पैर हमेशा मिट्ठी से सने रहते हैं उन पेड़ो के ही साए सबसे घने रहते हैं वो बड़े बनते हैं वो बड़े बनते हैं और बने रहते हैं जिनके पैर हमेशा
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