Lyrics

चाँदनी सी रात में, तेरे ख़्वाब में जगा हुआ सा हूँ मैं तेरे ख़याल में जाने कुछ बुन रहा हूँ जाने कुछ बुन रहा हूँ चाँदनी सी रात में, तेरे ख़्वाब में जगा हुआ सा हूँ मैं तेरे ख़याल में जाने कुछ बुन रहा हूँ जाने कुछ बुन रहा हूँ नन-ना-ना, नन-ना-ना नन-ना-ना-ना-ना नन-ना-ना, नन-ना-ना नन-ना-ना, नन-ना-ना नन-ना-ना-ना-ना नन-ना-ना, नन-ना-ना गिरते हुए तारों को आँखों से छू रहा हूँ दीवाना सा, पागल सा जाने क्यूँ हो रहा हूँ फ़लक से ज़र्रा-ज़र्रा क्यूँ ओंस गिर रही है? तेरी-मेरी कहानी बादल से कह रही है क्यूँ ये आहें हवा भर रही है? नींद बेहोश सा कर रही है ज़िन्दगी की राह में, तू ही साथ में हरदम मेरे होगी होश-ओ-हवास से तुझी को ही मैं चुन रहा हूँ जाने कुछ बुन रहा हूँ चाँदनी सी रात में, तेरे ख़्वाब में जगा हुआ सा हूँ मैं तेरे ख़याल में जाने कुछ बुन रहा हूँ जाने कुछ बुन रहा हूँ नन-ना-ना, नन-ना-ना नन-ना-ना-ना-ना नन-ना-ना, नन-ना-ना नन-ना-ना, नन-ना-ना नन-ना-ना-ना-ना नन-ना-ना, नन-ना-ना
Writer(s): Akshai Biloniya, Pratap Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out