Lyrics
कोई कसर ना रहे
मेरी ख़बर ना रहे
छू ले मुझे इस कदर बे इन्तेहाँ
जब साँसों में तेरी सासें घुली तो
फिर सुलगने लगे
एहसास मेरे मुझसे कहने लगे
हां बाहों में तेरी आके जहां दो
यूँ सिमटने लगे
सैलाब जैसे कोई बहने लगे
खोया हूँ मैं, आगोश में
तू भी कहाँ, अब होश में
मखमली रात की हो ना सुबह
बे इन्तेहाँ
बे इन्तेहाँ
यूं प्यार कर, बे इन्तेहाँ
देखा करूं, सारी उमर
तेरे निशां, बे इन्तेहाँ
हां छू तो लिया है ये जिस्म तूने
रूह भी चूम ले
अल्फ़ाज़ भीगे-भीगे क्यूँ है मेरे
हां यूँ चूर होके मजबूर होके
क़तरा-क़तरा कहे
एहसास भीगे-भीगे क्यूँ हैं मेरे
दो बेखबर भीगे बदन
हो बेसबर भीगे बदन
ले रहे रात भर अंगड़ाईयाँ
बे इन्तेहाँ
बे इन्तेहाँ
यूं प्यार कर, बे इन्तेहाँ
देखा करूं, सारी उमर
तेरे निशां, बे इन्तेहाँ
कोई कसर न रहे
मेरी ख़बर न रहे
छू ले मुझे इस कदर बे इन्तेहाँ
Writer(s): Pritam Chakraborty, Mayur Puri
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