Lyrics

उलझा खयालों में रहूँ, hmm कुछ कहना चाहूँ, कुछ कहूँ, hmm सोऊँ-जागूँ, सोचूँ हर पल तुझे खोया खुद को जब से, जाना तुझे मेरे बिना मैं रहने लगा हूँ तेरी हवा में बहने लगा हूँ जाने मैं कैसे तेरा हुआ हूँ मुझे तो लगता है, मैं शायद तेरे दिल की दुआ हूँ, हाँ तुझ को जो पाया, आहा, तो जीना आया अब ये लमहा ठहर जाए थम जाए, बस जाए हम दोनों के दरमियाँ पहले से ज़्यादा मैं जी रहा हूँ जब से मैं तेरे दिल से जुड़ा हूँ राहों पे तेरी मैं तो चला हूँ तू मेरी मंज़िल है, तेरे क़दमों पे बस रुकने लगा हूँ, हाँ तुझ को जो पाया, आहा, तो जीना आया अब ये लमहा ठहर जाए थम जाए, बस जाए हम दोनों के दरमियाँ तेरी नज़र में नई सी अदा है नया सा नशा भी घुला है कई दिनों से बँधा था बादल जो तेरे ही बालों में खुला है तेरी हदों में मेरी बसर है अब तुझे भी जाना किधर है? तुझ को जो पाया, आहा, तो जीना आया अब ये लमहा ठहर जाए थम जाए, बस जाए हम दोनों के दरमियाँ
Writer(s): Kumaar, Pritam Lyrics powered by www.musixmatch.com
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