तुमको देखे बिना चैन मिलता नहीं
दिल पे अब तो कोई ज़ोर चलता नहीं
हर पल ढूँढे नज़र तुमको ही, जान-ए-मन
हद से बढ़ने लगा मेरा दीवानापन
कैसे ना मिलेगी मंज़िल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इंतज़ार
सुन सदाएँ दे रही है मंज़िल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इंतज़ार
सुन सदाएँ दे रही है मंज़िल प्यार की
अब है जुदाई का मौसम दो पल का मेहमान
कैसे ना जाएगा अँधेरा, क्यूँ ना थमेगा तूफ़ान?
जादू है कैसा दिल की लगी में? डूब गया हूँ इस बेख़ुदी में
अब मुझे रात-दिन तुम्हारा ही ख़याल है
अब मुझे रात-दिन तुम्हारा ही ख़याल है
क्या कहूँ, प्यार में दीवानों जैसा हाल है
दीवानों जैसा हाल है, तुम्हारा ही ख़याल है
ऐ मेरे हमसफ़र
ऐ मेरे हमसफ़र
ऐ मेरे हमसफ़र