Lyrics
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
और मंज़िल केदारनाथ हो
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
और मंज़िल केदारनाथ हो
शिव शून्य है, शिव पूण्य है
शिव कर्म है, शिव धर्म है
शिव शून्य है, शिव पूण्य है
शिव कर्म है, शिव धर्म है
जहाँ शिव बसे हैं बर्फ़ के संग
मुझे उस नगरी में लेके चल
तेरे हाथ में मेरा हाथ हो
और मंज़िल केदारनाथ हो
तेरे हाथ में मेरा हाथ हो
और मंज़िल केदारनाथ हो
शिव आदि है, शिव अंत है
शिव मोक्ष है, शिव प्रेम है
शिव आदि है, शिव अंत है
शिव मोक्ष है, शिव प्रेम है
जहाँ बादल बसते शिव के संग
मुझे उस नगरी में लेके चल
तेरे हाथ में मेरा हाथ हो
और मंज़िल केदारनाथ हो
तेरे हाथ में मेरा हाथ हो
और मंज़िल केदारनाथ हो
शिव है दया, शिव ही कृपा
शिव है क्षमा, शिव है धरा
शिव है दया, शिव है कृपा
शिव है क्षमा, शिव है धरा
जिस दर पे झुकता सबका सर
मुझे लेकर तू केदार पे चल
तेरे हाथ में मेरा हाथ हो
और मंज़िल केदारनाथ हो
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
और मंज़िल केदारनाथ हो
Writer(s): Jeetu Sharma
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