Lyrics

देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए ये गिला है आप की निगाहों से फूल भी हो दरमियाँ तो फ़ासले हुए देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए मेरी साँसों में बसी ख़ुशबू तेरी ये तेरे प्यार की है जादूगरी तेरी आवाज़ है हवाओं में प्यार का रंग है फ़िज़ाओं में धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए क्या कहूँ कि शर्म से हैं लब सिले हुए देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए फूल भी हो दरमियाँ तो फ़ासले हुए मेरा दिल है तेरी पनाहों में आ, छुपा लूँ तुझे मैं बाँहों में तेरी तस्वीर है निगाहों में दूर तक रोशनी है राहों में कल अगर ना रोशनी के काफ़िले हुए प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
Writer(s): Shiv Hari, Javed Akhtar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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