Lyrics

इश्क़ तेरी आँखों में लिखा इश्क़ तेरी आँखों में लिखा, पढ़ने दे ज़रा हमको भी Ghalib होना हैं हमको भी Ghalib होना हैं इन ग़ज़लों सी आँखों में खोना हैं इश्क़ तेरी आँखों में लिखा, पढ़ने दे ज़रा हमको भी Ghalib होना हैं हमको भी Ghalib होना हैं इन ग़ज़लों सी आँखों में खोना हैं इश्क़ तेरी आँखों में लिखा ग़ज़लें हम तुझपे लिखते रहें हो, ग़ज़लें हम तुझपे लिखते रहें शायर बन-बन के उगते रहें तेरा चेहरा कोई किताब सा है तेरा मिलना कोई ख़्वाब सा है इस ख़्वाब में ख़ुद को डुबोना है इश्क़ तेरी आँखों में लिखा, पढ़ने दे ज़रा इश्क़ तेरी आँखों में लिखा तेरे होंठों से शेर बरसते हैं हो, तेरे होंठों से शेर बरसते हैं हम बातों को तेरी तरसते हैं तेरा हमसे कलाम जो हो जाए तो हमारा नाम भी हो जाए तेरी पलकों में ख़ुद को पिरोना है इश्क़ तेरी आँखों में लिखा, पढ़ने दे ज़रा हमको भी Ghalib होना हैं हमको भी Ghalib होना हैं इन ग़ज़लों सी आँखों में खोना हैं इश्क़ तेरी आँखों में लिखा
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