Lyrics
दिल कितना नादान है, दिल कितना अनजान है
दिल कितना नादान है, दिल कितना अनजान है
जिसने पागल किया, जिसने घायल किया
जिसने धोखा दिया, जिसने ज़ख़्मी किया उसपे मेहरबान है
दिल कितना नादान है, दिल कितना अनजान है
जिसने पागल किया, जिसने घायल किया
जिसने धोखा दिया, जिसने ज़ख़्मी किया उसपे मेहरबान है
दिल कितना नादान है, दिल कितना अनजान है
कोई बताएँ कैसे बहलाऊँ ज़ख़्मी दिल को?
मजबूर हूँ मैं कितना, समझाऊँ ज़ख़्मी दिल को
कोई बताएँ कैसे बहलाऊँ ज़ख़्मी दिल को?
मजबूर हूँ मैं कितना, समझाऊँ ज़ख़्मी दिल को
जिसपे मरता है ये, वो तो है बेवफ़ा
ज़ख़्म ऐसे दिए ना हो जिसकी दवा
मुश्किल में ये जान है
दिल कितना नादान है, दिल कितना अनजान है
जिसने पागल किया, जिसने घायल किया
जिसने धोखा दिया, जिसने ज़ख़्मी किया उसपे मेहरबान है
दिल कितना नादान है, दिल कितना अनजान है
मैं रो भी नहीं सकता क्यूँकि हँसेगी दुनिया
नाकाम चाहत पर तानें कसेगी दुनिया
मैं रो भी नहीं सकता क्यूँकि हँसेगी दुनिया
नाकाम चाहत पर तानें कसेगी दुनिया
कोई देखे मेरी बेबसी को ज़रा
अश्क़ आँखों में है, दिल है ग़म से भरा
होंठों पे मुस्कान है
दिल कितना नादान है, दिल कितना अनजान है
जिसने पागल किया, जिसने घायल किया
जिसने धोखा दिया, जिसने ज़ख़्मी किया उसपे मेहरबान है
दिल कितना नादान है, दिल कितना अनजान है
Writer(s): Anu Malik, Faaiz Anwar, Hasrat Jaipuri, Rahat Indori
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