Lyrics
भीगा-भीगा ये समाँ, मैं और तू भी जवाँ
आ मेरे पास, साथिया
मुझको बुला रही हैं क़ातिल ये आँखें तेरी
आ मेरे पास, साथिया
ना हो तू उदास, तेरे पास-पास मैं रहूँगा ज़िंदगी-भर
ना हो तू उदास, तेरे पास-पास मैं रहूँगा ज़िंदगी-भर
सारे संसार का प्यार मैंने तुझी में पाया (तू मिले)
तू मिले, दिल खिले
और जीने को क्या चाहिए?
हाँ, तू मिले, दिल खिले
और जीने को क्या चाहिए?
चंदा तुझे, ओ, देखने को निकला करता है
आईना भी, ओ, दीदार को तरसा करता है
इतनी हसीं कोई नहीं
इतनी हसीं कोई नहीं
हुस्न दोनों जहाँ का एक तुझमें सिमट के आया (तू मिले)
तू मिले, दिल खिले
और जीने को क्या चाहिए?
हाँ, तू मिले, दिल खिले
और जीने को क्या चाहिए?
Writer(s): Salim Sulaiman, Indeewar, M M Kreem
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