Lyrics
याद है मुझको, तूने कहा था
"तुमसे नहीं रूठेंगे कभी"
दिल की तरह से हाथ मिले हैं
कैसे, भला, छूटेंगे कभी
तेरी बाँहों में बीती हर शाम
बेवफ़ा, ये भी क्या याद नहीं?
क्या हुआ तेरा वादा?
वो क़सम, वो इरादा
भूलेगा दिल जिस दिन तुम्हें
वो दिन ज़िंदगी का आख़िरी दिन होगा
क्या हुआ तेरा वादा?
वो क़सम, वो इरादा
ओ, कहने वाले मुझको, "फ़रेबी"
कौन फ़रेबी है, ये बता?
वो जिसने ग़म लिया प्यार के ख़ातिर
या जिसने प्यार को बेच दिया?
नशा दौलत का ऐसा भी क्या
कि तुझे कुछ भी याद नहीं
क्या हुआ तेरा वादा?
वो क़सम, वो इरादा
भूलेगा दिल जिस दिन तुम्हें
वो दिन ज़िंदगी का आख़िरी दिन होगा
क्या हुआ तेरा वादा?
वो क़सम, वो इरादा
Writer(s): R. D. Burman, Majrooh Sultanpuri
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