Lyrics

ये बिजलियाँ क्या सितम कर गईं जो दूरियाँ थीं, ख़तम कर गईं बूँदों से है ये शिकायत मुझे पूछे बिना क्यूँ तुम्हें छू गईं? है असर दिखाया वो बादलों की साज़िश ने ख़्वाब सच हुए हैं सारे ख़्वाहिशों के सावन में भीगने लगे हैं दोनों बारिशों के मौसम में आग सी लगी है, देखो, आज मेरी धड़कन में भीगने लगे हैं दोनों बारिशों के मौसम में भीगने लगे हैं दोनों बारिशों के मौसम में Hmm, बे-क़रार दिल को मेरे अब क़रार आया है बे-हिसाब प्यार तुम पे पहली बार आया है खो के ख़ुद को इस मौसम में मैंने तुझको पाया है याद तुझको रखा है, बस ये जहाँ भुलाया है ख़ुशबुएँ तुम्हारी, देखो, घुल गई हैं साँसों में ख़्वाब सच हुए हैं सारे ख़्वाहिशों के सावन में भीगने लगे हैं दोनों बारिशों के मौसम में हो, आग सी लगी है, देखो, आज मेरी धड़कन में भीगने लगे हैं दोनों बारिशों के मौसम में भीगने लगे हैं दोनों बारिशों के मौसम में
Writer(s): Payal Dev, Rashmi Virag Lyrics powered by www.musixmatch.com
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