Lyrics

सनम तपते हुए सहरा में मिले आबशार जैसे मुझको तो है इस जहाँ में मिला तेरा प्यार ऐसे तपते हुए सहरा में मिले आबशार जैसे मुझको तो है इस जहाँ में मिला तेरा प्यार ऐसे सनम, मेरे, सनम ये तेरा करम बना रहे यूँ ही कभी ना हो ये कम सनम, मेरे, सनम ये तेरा करम बना रहे यूँ ही कभी ना हो ये कम मेरी आँखों को हमेशा तेरे ख़्वाबों ने नवाज़ा मेरे वास्ते रहा तू मौसम कोई प्यारा सा दौर-ए-ख़िज़ाँ में कोई आए बनके बहार जैसे मुझको तो है इस जहाँ में मिला तेरा प्यार ऐसे सनम, मेरे, सनम ये तेरा करम बना रहे यूँ ही कभी ना हो ये कम तेरी क़ुर्बतों ने मुझको तन्हाई में सँभाला तूने बाँहों में समेटा, था मैं जब बिख़रने वाला तन्हा कहीं एक बशर को मिले ग़म-गुसार जैसे मुझको तो है इस जहाँ में मिला तेरा प्यार ऐसे सनम, मेरे, सनम ये तेरा करम बना रहे यूँ ही कभी ना हो ये कम सनम, मेरे, सनम ये तेरा करम, ओ बना रहे यूँ ही कभी ना हो ये कम
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com
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