Lyrics

हम अपनी तरफ़ से तुम्हें चाहते हैं मगर आप का कोई भरोसा नहीं है हम अपनी तरफ़ से तुम्हें चाहते हैं हम अपनी तरफ़ से तुम्हें चाहते हैं मगर आप का कोई भरोसा नहीं है निगाहों में अपनी मोहब्बत भरी है निगाहों में अपनी मोहब्बत भरी है मगर आप का कोई भरोसा नहीं है मोहब्बत तो होती है दोनों तरफ़ से मगर ऐसा लगता है हम ही तुम को चाहे ये चाहत तो होती है दोनों तरफ़ से बताएँ तुम्हें तो ये कैसे बताएँ? दिल-ओ-जाँ से तुम को हम चाहते हैं दिल-ओ-जाँ से तुम को तो हम चाहते हैं मगर आप का कोई भरोसा नहीं है निगाहों में अपनी मोहब्बत भरी है मगर ज़िंदगी का भरोसा नहीं है लगाए कोई कैसे यादों पे पहरा? तुम्हें भूल के भी ना हम भूल पाए यही कह रही है, सनम, बेख़याली "कि हम काश तुम को गले से लगाए" दुआओं में हम तो तुम्हें माँगते हैं दुआओं में हम तो तुम्हें माँगते हैं मगर आप का कोई भरोसा नहीं है निगाहों में अपनी मोहब्बत भरी है मगर ज़िंदगी का भरोसा नहीं है हम अपनी तरफ़ से तुम्हें चाहते हैं हम अपनी तरफ़ से तुम्हें चाहते हैं मगर आप ही का भरोसा नहीं है
Writer(s): Sameer Pandy, Rathod Shrawan, Nadeem Saifi Lyrics powered by www.musixmatch.com
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