ये मुमकिन तो नहीं
जो दिल ने चाहा था
वो मिल जाए
कोई उम्मीद टूटे तो क्या करें
ये मुमकिन तो नहीं
जो दिल ने चाहा था
वो मिल जाए
कोई उम्मीद टूटे तो क्या करें
जो देखे ख्वाब आंखो ने
हकीकत वो ना बन पाएं
जो किस्मत साथ ना दे तो क्या करें
ये दिल जो रो रहा है तो
कहीं से सब्र मिल जाए
हुए जो बदगुमान हम तो
क्या करें
ये मुमकिन तो नहीं
जो दिल ने चाहा था
वो मिल जाए
कोई उम्मीद टूटे तो क्या करें
जो दिल के पास रहते हैं
वो दिल क्यूं तोड़ जाते हैं
वफ़ा के बदले क्यूं वो बेवफाई छोड़ जाते हैं
कभी जो हमसफ़र थे
वहीं अनजान लगते हैं
मोहब्बत के वो रिश्ते भी तो बेजान लगते हैं
खुशी के दर पे दस्तक दे रहे हैं
ग़म मुसर्सल ही
कहीं ना चैन पाएं तो क्या करें
किसी से हमनवाई का
सिला हमको ना मिल पाए
हुए जो बदगुमान हम तो क्या करें
ये मुमकिन तो नहीं
जो दिल ने चाहा था
वो मिल जाए
कोई उम्मीद टूटे तो क्या करें
किसी का साथ पाना भी कभी
आसान नहीं होता
किसी के दूर जाने से
ये दिल वीरान नहीं होता
वजह कुछ और भी मिल जाती है
दुनिया में जीने की
किसी की आस पे जीना भी तो
आसान नहीं होता
नसीबों में ही ना लिखा हो तो वो
कैसे मिल जाए
खुदा भी रुठ जाए तो क्या करें
ये दिल जो रो रहा है तो
कहीं से सब्र मिल जाए
हुए जो बदगुमान हम तो क्या करें
ये मुमकिन तो नहीं
जो दिल ने चाहा था
वो मिल जाए
कोई उम्मीद टूटे तो क्या करें