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भांग अमृत है | Inspired By Baba Hansraj Raghuvanshi | Most Powerful Shiva Song
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Credits

PERFORMING ARTISTS
Hansraj Raghuwanshi
Hansraj Raghuwanshi
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Hansraj Raghuwanshi
Hansraj Raghuwanshi
Songwriter
Adamya Sharma
Adamya Sharma
Composer
Kripal Singh Negi
Kripal Singh Negi
Songwriter
Dr Vinod Gandharv
Dr Vinod Gandharv
Composer
PRODUCTION & ENGINEERING
Hansraj Raghuwanshi
Hansraj Raghuwanshi
Producer

Lyrics

Hello everyone जय शंकर महाराज 'डमरु बजाया' song सुनने के बाद इसे ज़रूर like, share, comment and subscribe करिएगा अगर आपको अच्छा लगेगा And subscribe ज़रूर करिएगा क्योंकि इसी channel पे हमारा दूसरा गाना जो 'भोला भंडारी' पिछले साल आया था उसका part two आ रहा है अगर अच्छा लगे गाना तो like, share, comment ज़रूर करिएगा जय शंकर, जय महराज मैं हिमाचल की बेटी मेरा भोला बसे काशी सारी उमर तेरी सेवा करूँगी... सारी उमर तेरी सेवा करूँगी बनकर तेरी दासी शंभु! शिव, शिव, शिव, शिव शंभु शिव, शिव, शिव, शिव शंभु ऐसा डमरु बजाया भोलेनाथ ने सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया (बम-बम, बम-बम) ऐसा डमरु बजाया भोलेनाथ ने सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया (बम-बम, बम-बम) सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ऐसा डमरु बजाया भोलेनाथ ने सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया डमरु को सुनकर जी कान्हा जी आए कान्हा जी आए, संग राधा भी आए (बम-बम, बम-बम) डमरु को सुनकर जी कान्हा जी आए कान्हा जी आए, संग राधा भी आए (बम-बम) महा सखियों का मन भी मगन हो गया सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ऐसा डमरु बजाया भोलेनाथ ने सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया डमरु को सुनकर जी गणपत चले हैं डमरु को सुनकर जी गणपत चले गणपत चले, संग कार्तिक चले गणपत चले, संग कार्तिक चले महा अम्बे का मन भी मगन हो गया सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया डमरु को सुनकर जी रामा जी आए (बम-बम, बम-बम) डमरु को सुनकर जी रामा जी आए रामा जी आए, संग लक्ष्मण जी आए मैया सीता का मन भी मगन हो गया ऐसा डमरु बजाया भोलेनाथ ने ऐसा डमरु बजाया भोलेनाथ ने सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया (बम-बम, बम-बम) शंभु! डमरु को सुनकर जी ब्रह्मा चले यहाँ ब्रह्मा चले, वहाँ विष्णु चले डमरु को सुनकर जी ब्रह्मा चले यहाँ ब्रह्मा चले, वहाँ विष्णु चले मैया लक्ष्मी का मन भी मगन हो गया सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ऐसा डमरु बजाया भोलेनाथ ने सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया डमरु को सुनकर जी गंगा चले गंगा चले, वहाँ यमुना चले (बम-बम, बम-बम) डमरु को सुनकर जी गंगा चले गंगा चले, वहाँ यमुना चले महा सरयू का मन भी मगन हो गया ऐसा डमरु बजाया भोलेनाथ ने डमरु को सुनकर जी सूरज चले सूरज चले, वहाँ चंदा चले (बम-बम, बम-बम) डमरु को सुनकर जी सूरज चले सूरज चले, वहाँ चंदा चले सारे तारों का मन भी मगन हो गया ऐसा डमरु बजाया भोलेनाथ ने ऐसा डमरु बजाया भोलेनाथ ने सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया शंभु! शंभु!
Writer(s): Adamya Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com
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