Lyrics
रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई
रघुवर तेरी राह निहारे
रघुवर तेरी राह निहारे
सातों जन्म से सिया
घर मोरे परदेसिया
आओ पधारो पिया
घर मोरे परदेसिया
आओ पधारो पिया
ना तो मईया की लोरी
ना ही फागुन कि होरी
मोहे कुछ दूसरा ना भाए रे
जबसे नैना ये जाके
एक धनुर्धर से लागे
तबसे बिरहा मोहे सताए रे
हा
ना तो मईया की लोरी
ना ही फागुन कि होरी
मोहे कुछ दूसरा ना भाए रे
जबसे नैना ये जाके
एक धनुर्धर से लागे
तबसे बिरहा मोहे सताए रे
दुविधा मेरी सब जग जाने
दुविधा मेरी सब जग जाने
जाने ना निरमोहिया
घर मोरे परदेसिया
आओ पधारो पिया
घर मोरे परदेसिया
आओ पधारो पिया
गई पनघट पर भरण भरण पनिया, दीवानी
गई पनघट पर भरण भरण पनिया
गई पनघट पर भरण भरण पनिया, दीवानी
गई पनघट पर भरण भरण पनिया
नैनो के नैनो के तेरे बान से
मूर्छित हुई रे हिरणनिया
झूम झना नन नन नन
झना नन नन नन
बनी रे बनी मैं तेरी जोगनिया
घर मोरे परदेसिया
आओ पधारो पिया
घर मोरे परदेसिया
आओ पधारो पिया
Writer(s): Amitabh Bhattacharya, Pritam
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