Kredity

COMPOSITION & LYRICS
Vivek Kumar Sharma
Vivek Kumar Sharma
Songwriter

Texty

मैं हूँ रेत किनारे की , सागर सा संग रहना तू
मेरे दिल के साहिल पर,
पल पल कल कल कर के बहना तू,
मैं हूँ रेत किनारे की , सागर सा संग रहना तू
जो भी लिखे दुनिया मुझपे , कैसे भी करे मुझे मैली,
रोज़ मिटा देना सब कुछ, कर देना नयी नवेली,
फिर से मैं कोरी हो जाऊँ, आ के बाहों में तेरी
रोज़ सजूँ दुल्हन सी नयी, हर रोज़ मेरा सजना तू
मैं हूँ रेत किनारे की , सागर सा संग रहना तू
मुझसे हो के बहना तू, मैं भी तुझमें खुल जाऊँ
तू भी थोड़ा छन जाना, मैं भी थोड़ी धुल जाऊँ
तू भी ठहर जाना मुझमें, मैं भी तुझ में घुल जाऊँ
मेरी सारी सुन लेना, अपनी सारी कहना तू
मैं हूँ रेत किनारे की , सागर सा संग रहना तू
मेरे दिल के साहिल पर, पल पल कल कल कर के बहना तू,
मैं हूँ रेत किनारे की , सागर सा संग रहना तू
Written by: Vivek Kumar Sharma
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