Credits
PERFORMING ARTISTS
Alka Yagnik
Performer
Shaan
Performer
Jatin-Lalit
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Jatin-Lalit
Composer
Prasoon Joshi
Lyrics
PRODUCTION & ENGINEERING
Jatin-Lalit
Producer
Songtexte
[Verse 1]
लड़की क्यों ना जाने क्यों लड़कों सी नहीं होती
[Verse 2]
सोचती है ज़्यादा, कम वो समझती है
सोचती है ज़्यादा, कम वो समझती है
दिल कुछ कहता है , कुछ और ही करती है
लड़की क्यों ना जाने क्यों लड़कों सी नहीं होती
लड़की क्यों ना जाने क्यों लड़कों सी नहीं होती
सोचती है ज़्यादा, कम वो समझती है
दिल कुछ कहता है, कुछ और ही करती है
[Chorus]
लड़की क्यों ना जाने क्यों लड़कों सी नहीं होती
लड़की क्यों ना जाने क्यों लड़कों सी नहीं होती
[Verse 3]
प्यार उसे भी है मगर शुरुआत तुम्ही से चाहे
ख़ुद में उलझी उलझी है पर बालों को सुलझाए
[Bridge]
आई मीन यू आर ऑल द सेम यार
हम अच्छे दोस्त हैं, पर उस नज़र से तुमको देखा नहीं
वह सब तोह ठीक है पर, इस बारे में मैंने सोचा नहीं
[Verse 4]
सबसे अलग हो तुम ये कहके पास तुम्हारे आए
और कुछ दिन में तुम्हें अलग सा कुछ भी ना उसको भाए
[Bridge]
उफ़ ये कैसी शर्ट पहनते हो
ये कैसे बाल कटाते हो
गाड़ी तेज़ चलाते हो
तुम जल्दी में क्यूं खाते हो
Give me a break!
[Verse 5]
तुम्हें बदलने को पास वो आती है
तुम्हें मिटाने को जाल बिछाती है
बातों बातों में तुम्हें फँसाती है
पहले हँसाती है फिर बड़ा रुलाती है
[Chorus]
लड़की क्यों ना जाने क्यों लड़कों सी नहीं होती
लड़की क्यों ना जाने क्यों लड़कों सी नहीं होती
[Verse 6]
ए! इतना ही खुदसे खुश हो तोह पीछे क्यों आते हो
फूल कभी तोह हज़ार तोफ़े आखिर क्यूं लाते हो
[Bridge]
अपना नाम नहीं बताया आपने
कॉफी पीने चलेंगी
मैं आपको घर छोड़ दूँ
फिर कब मिलेंगी
[Verse 7]
बिखरा बिखरा बेमतलब सा टूटा फूटा जीना
और कहते हो अलग से हैं हम तान के अपना सीना
[Bridge]
भीगा तौलिया कहीं फ़र्श पे
टूथपेस्ट का ढक्कन कहीं
कल के मोज़े उलटके पहने
वक्त का कुछ भी होश नहीं
[Verse 8]
जीने का तुमको ढंग सिखलाती है
तुम्हें जनवर से इंसान बनाती है
उसके बिना इक्क पल रह ना सकोगे तुम
उसको पता है ये कहना सकोगे तुम
[Chorus]
इसलिए लड़कियां लड़कों सी नहीं होतीं
इसलिए लड़कियां लड़कों सी नहीं होतीं
[Verse 9]
जाने कौन कौन से दिन वो तुमको याद दिलाए
प्यार को चाहे भूल भी जाए तारीखें ना भुलाए
[Bridge]
1st मार्च को नज़र मिलायी
चार अप्रैल को मैं मिलने आई
इक्कीस मई को तुमने छुआ था
छह जून मुझे कुछ हुआ था
[Verse 10]
लड़कों का क्या है किसी भी मोड़ पे वो मुड़ जाएँ
अभी किसी के हैं अभी किसी और से वो जुड़ जाएँ
[Bridge]
तुम्हारे मम्मी डैडी घर पर नहीं हैं, ग्रेट! मैं आजाऊँ
तुम्हारी फ्रेंड अकेली घर जा रही है, बेचारी मैं छोड़ आऊँ, उफ़्फ़
[Verse 11]
इक हाँ कहने को कितना टहलाती है
थक जाते हैं हम वो जी बहलाती है
वह शरमाती है तभी छुपाती है
लड़की जो हाँ कहदे उसे निभाती है
[Chorus]
इसलिए लड़कियां लड़कों सी नहीं होतीं
इसलिए लड़कियां लड़कों सी नहीं होतीं
ना ना ना ना (लड़की क्यूं, ओह गॉड!)
इसलिए लड़कियां लड़कों सी नहीं होतीं
इसलिए लड़कियां लड़कों सी नहीं होतीं
ना ना ना ना ना ना, आह समवन शट हर अप
[Outro]
ऑलराइट ऑलराइट इसमें झगड़ने की क्या बात है यार
पहले पहले भँवरे जैसे पास पास मंडराए( अरे )
फिर बिज़ी हूं ये कह कर तुमको वो टरकाए(बट आई) (कम ऑन रिया )
समझा करो डार्लिंग आज बहुत काम है( अरे मेरी भी तोह सुनो)
दूर हुआ तोह क्या दिल में तुम्हारा नाम है( ओह वॉव)
जिस चेहरे पे मरते हैं वो बोरिंग हो जाए(i am not listening to you)
कुछ ही दिन में नज़रें इनकी इधर उधर मंडराएँ
सिर्फ प्यार से ज़िंदगी नहीं चलती( ok, i am not with her)
तुम इंटीरियर डेकोरेशन का कोर्स क्यूं नहीं करती
Ok that's it.
Written by: Jatin - Lalit, Prasoon Joshi

