Credits

PERFORMING ARTISTS
Gajendra Verma
Gajendra Verma
Performer
COMPOSITION & LYRICS
GSK
GSK
Composer
Aseem Ahmad
Aseem Ahmad
Lyrics

Songtexte

मन जागे सारी रात मेरा दीवाना
मन माने ना ये बात के वह था बेगाना
है ख़ुद से ही खफ़ा खफ़ा
क्या चाहिए नहीं पता बावरा
पाया वो ना चाहा
चाहा वो ना पाया
जिसके पीछे भागे
वो साया है रे साया
क्या क्या रस्ते ढूँढे
ना कहीं मिल पाया
पर साया ठहरा साया
के हाथों में ना आया
कोई सुबह जो मैं उठूँ
बुझे अगन मिलें सुकून बावरा
गिनता रहता तारे लोटू मैं अंगारे
ख़ुद से लड़ता फिरता
ये जग को ठोकर मारे
खींचे-खींचे बैठे
बैठे-बैठे भागे
ना सुनता ख़ुद के आगे
ये पागल हो गया रे
गिनता रहता तारे लोटू मैं अंगारे
ख़ुद से लड़ता फिरता
ये जग को ठोकर मारे
खींचे-खींचे बैठे
बैठे-बैठे भागे
ना सुनता ख़ुद के आगे
ये पागल हो गया रे
ये दर्द क्यों? ये प्यास क्यों?
फिर करे उदास क्यूं
ये रंज क्यूं? तलाश क्यूं?
बता बावरा
ठंडी आहें भर के
जीता है मर-मर के
प्यासा रह गया है
ये दरिया से गुज़र के
धोके से नज़र के
झोके से उमर के
Ret ke mahal sa
ढह गया है बिखर के
ठंडी आहें भर के
जीता है मर-मर के
प्यासा रह गया है
ये दरिया से गुज़र के
धोके से नज़र के
झोके से उमर के
Ret ke mahal sa
ढह गया है बिखर के आ-आह-आ
Written by: Aseem Ahmad, Aseem Ahmed Abbasi, GSK
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