Lyrics

आप के क़रीब हम रहते हैं अपना नसीब तुम्हें कहते हैं आप के क़रीब हम रहते हैं अपना नसीब तुम्हें कहते हैं अरमाँ भी है तुम्हें पाने का तुम पे दिल-ओ-जाँ लुटाने का जान की क़सम, सच कहते हैं जान की क़सम, सच कहते हैं आप के क़रीब हम रहते हैं अपना नसीब तुम्हें कहते हैं अरमाँ भी है तुम्हें पाने का तुम पे दिल-ओ-जाँ लुटाने का जान की क़सम, सच कहते हैं जान की क़सम, सच कहते हैं आप के क़रीब हम रहते हैं अपना नसीब तुम्हें कहते हैं आप से है हमें कितनी मोहब्बत आप तो ये नहीं जाने हो, आप को ऐसे कैसे बताएँ आप को हम क्या माने धड़कन पे क्या हम ने लिखा है? धड़कन पे क्या हम ने लिखा है? पढ़ लो दिल की नज़र से आप के क़रीब हम रहते हैं अपना नसीब तुम्हें कहते हैं अरमाँ भी है तुम्हें पाने का तुम पे दिल-ओ-जाँ लुटाने का जान की क़सम, सच कहते हैं जान की क़सम, सच कहते हैं आप के क़रीब हम रहते हैं अपना नसीब तुम्हें कहते हैं आप को सब मालूम है, दिलबर आप को क्या बतलाएँ? आप ने हम को समझ लिया है आप को क्या समझाएँ? क्या है तमन्ना, क्या ख़्वाहिश है क्या है तमन्ना, क्या ख़्वाहिश है पूछो अपने जिगर से आप के क़रीब हम रहते हैं अपना नसीब तुम्हें कहते हैं आप के क़रीब हम रहते हैं अपना नसीब तुम्हें कहते हैं अरमाँ भी है तुम्हें पाने का तुम पे दिल-ओ-जाँ लुटाने का जान की क़सम, सच कहते हैं जान की क़सम, सच कहते हैं आप के क़रीब हम रहते हैं अपना नसीब तुम्हें कहते हैं
Writer(s): Sameer, Nadeem Saifi, Shravan Rathod Lyrics powered by www.musixmatch.com
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