Lyrics
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारे होंठों की सुर्ख़ियों से
तुम्हारे होंठों की सुर्ख़ियों से
वफ़ा की शबनम छलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
हमारी साँसों को छू के देखो
हमारी साँसों को छू के देखो
तुम्हारी ख़ुशबू महक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
क़सम ख़ुदा की, यक़ीन कर लो
क़सम ख़ुदा की, यक़ीन कर लो
कहीं भी ना होगा हुस्न ऐसा
ना देखो ऐसे झुका के पलकें
ना देखो ऐसे झुका के पलकें
हमारी नीयत बहक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारी उल्फ़त में, जान-ए-जानाँ
तुम्हारी उल्फ़त में, जान-ए-जानाँ
हमें मिली थी जो एक धड़कन
हमारे सीने में आज तक वो
हमारे सीने में आज तक वो
तुम्हारी धड़कन धड़क रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारे होंठों की सुर्ख़ियों से
तुम्हारे होंठों की सुर्ख़ियों से
वफ़ा की शबनम छलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
Writer(s): Sameer, Nadeem Shravan
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