कितनी ख़ूबसूरत ये तस्वीर है
मौसम बेमिसाल, बेनज़ीर है
ये कश्मीर है, ये कश्मीर है
कितनी ख़ूबसूरत ये तस्वीर है
अरे, मौसम बेमिसाल, बेनज़ीर है
ये कश्मीर है, ये कश्मीर है
पर्बतों के दरमियाँ हैं
जन्नतों के दरमियाँ हैं
आज के दिन हम यहाँ हैं
पर्बतों के दरमियाँ हैं
जन्नतों के दरमियाँ हैं
आज के दिन हम यहाँ हैं
साथी, ये हमारी तक़दीर है
जितनी ख़ूबसूरत ये तस्वीर है
ये कश्मीर है, ये कश्मीर है
इस ज़मीं से, आसमाँ से
फूलों के इस गुलसिताँ से
जाना मुश्किल है यहाँ से
इस ज़मीं से, आसमाँ से
फूलों के इस गुलसिताँ से
जाना मुश्किल है यहाँ से
तौबा, ये हवा है या ज़ंजीर है?
जितनी ख़ूबसूरत ये तस्वीर है
ये कश्मीर है, ये कश्मीर है
ऐ सखी, देख तो नज़ारा
इक अकेला बेसहारा
कौन है वो ग़म का मारा?
ऐ सखी, देख तो नज़ारा
इक अकेला बेसहारा
कौन है वो ग़म का मारा?
मुझ सा कोई आशिक़ ये दिल-गीर है
अरे, कितनी ख़ूबसूरत ये तस्वीर है
ये कश्मीर है, ये कश्मीर है
ये कश्मीर है