Lyrics

गंगा आए कहाँ से? गंगा जाए कहाँ रे? आए कहाँ से? जाए कहाँ रे? लहराए पानी में जैसे धूप-छाँव रे गंगा आए कहाँ से? गंगा जाए कहाँ रे? लहराए पानी में जैसे धूप-छाँव रे गंगा आए कहाँ से? गंगा जाए कहाँ रे? लहराए पानी में जैसे धूप-छाँव रे रात कारी, दिन उजियारा मिल गए दोनों साए रात कारी, दिन उजियारा मिल गए दोनों साए साँझ ने देखो रंग-रूप के कैसे भेद मिटाए रे लहराए पानी में जैसे धूप-छाँव रे गंगा आए कहाँ से? गंगा जाए कहाँ रे? लहराए पानी में जैसे धूप-छाँव रे काँच कोई, माटी कोई रंग-बिरंगे प्याले, हे काँच कोई, माटी कोई रंग-बिरंगे प्याले प्यास लगे तो एक बराबर जिसमें पानी डाली रे लहराए पानी में जैसे धूप-छाँव रे गंगा आए कहाँ से? गंगा जाए कहाँ रे? लहराए पानी में जैसे धूप-छाँव रे नाम कोई, बोली कोई लाखों रूप और चेहरे, हो नाम कोई, बोली कोई लाखों रूप और चेहरे खोल के देखो प्यार की आँखें, सब तेरे, सब मेरे रे लहराए पानी में जैसे धूप-छाँव रे गंगा आए कहाँ से? गंगा जाए कहाँ रे? लहराए पानी में जैसे धूप-छाँव रे गंगा आए कहाँ से? गंगा जाए कहाँ रे?
Writer(s): Gulzar, Salil Choudhury Lyrics powered by www.musixmatch.com
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