Lyrics
ऐ, मेरे दिल-ए-नादाँ
तू ग़म से ना घबराना
ऐ, मेरे दिल-ए-नादाँ
तू ग़म से ना घबराना
इक दिन तो समझ लेगी
दुनिया तेरा अफ़साना
ऐ, मेरे दिल-ए-नादाँ
तू ग़म से ना घबराना
अरमान भरे दिल में
ज़ख्मों को जगह दे-दे
भड़के हुए शोलों को
कुछ और हवा दे-दे
बनती है तो बन जाए
ये ज़िंदगी अफ़साना
ऐ, मेरे दिल-ए-नादाँ
तू ग़म से ना घबराना
फ़रियाद से क्या हासिल?
रोने से नतीजा क्या?
बेकार है ये बातें
इन बातों से होगा क्या?
अपना भी घड़ी भर में
बन जाता है बेगाना
ऐ, मेरे दिल-ए-नादाँ
तू ग़म से ना घबराना
Writer(s): Asad Bhopali, Ravi
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