Lyrics
सम्भालेगी नज़रों से दुर चिप्पि
रहते है एक किले में एक पारी
Hmm...
अकेली है ये रात पर है उस की
इन् ख्वाबो में किसी की न कम्मी, उससे.
यहां सबकी निगाहों से घूम यहाँ
कभी ना आओगे तुम यहाँ
मुखोटे उतरे है सब यहाँ
बसा है बसेरा मेरा यहाँ
से ना बुलाना हो घूम यहां
कभी ना आओगे तुम यहाँ
कोई बहाना है ना यहां
बास मैं और मेरा सपना यहां.
किसी के ना खुद ही के तोलीए
अपने लिए ही जीने की या अब ठानी है
यहाँ सबकी निगाहों से घूम यहां
कभी ना आओगे तुम यहाँ
मुखोटे उतरे है सब यहाँ
बसा है बसेरा मेरा यहाँ
से ना बुलाना
ओ हो ओ
कभी ना आओगे तुम यहाँ
कोई बहाना है ना यहां
बास मैं और मेरा सपना यहां
Writer(s): Ankur Tewari, Michael Ian Mccleary
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