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Credits

PERFORMING ARTISTS
Jagjit Singh
Jagjit Singh
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Salil Chowdhury
Salil Chowdhury
Composer
Yogesh
Yogesh
Songwriter

Lyrics

कहीं दूर जब दिन ढल जाये साँझ की दुल्हन बदन चुराए चुपके से आये कहीं दूर जब दिन ढल जाये साँझ की दुल्हन बदन चुराए चुपके से आये मेरे ख्यालों के आँगन में कोई सपनों के दीप जलाए दीप जलाए कहीं दूर जब दिन ढल जाये साँझ की दुल्हन बदन चुराए चुपके से आये कभी यूँ ही जब हुई बोझल साँसें भर आईं बैठे-बैठे जब यूँ ही आँखें कभी यूँ ही जब हुई बोझल साँसें भर आईं बैठे-बैठे जब यूँ ही आँखें तभी मचल के प्यार से चल के छुए कोई मुझे पर नज़र न आये नज़र न आये कहीं दूर जब दिन ढल जाये साँझ की दुल्हन बदन चुराए चुपके से आये कहीं तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते कहीं पे निकल आये जन्मों के नाते कहीं तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते कहीं पे निकल आये जन्मों के नाते है मीठी उलझन बैरी अपना मन अपना ही हो के सहे दर्द पराये दर्द पराये कहीं दूर जब दिन ढल जाये साँझ की दुल्हन बदन चुराए चुपके से आये दिल जाने मेरे सारे भेद ये गहरे खो गये कैसे मेरे सपने सुनहरे दिल जाने मेरे सारे भेद ये गहरे खो गये कैसे मेरे सपने सुनहरे ये मेरे सपने, यही तो हैं अपने मुझसे जुदा न होंगे इनके ये साये इनके ये साये कहीं दूर जब दिन ढल जाये साँझ की दुल्हन बदन चुराए चुपके से आये मेरे ख्यालों के आँगन में कोई सपनों के दीप जलाए दीप जलाए कहीं दूर जब दिन ढल जाये साँझ की दुल्हन बदन चुराए चुपके से आये
Writer(s): Deepak Pandit, Yogesh, Salil Choudhury Lyrics powered by www.musixmatch.com
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