Lyrics

मेरी क़िस्मत के हर एक पन्ने पे मेरे जीते-जी, बाद मरने के मेरे हर एक कल, हर एक लम्हे में तू लिख दे मेरा उसे हर कहानी में, सारे क़िस्सों में दिल की दुनिया के सच्चे रिश्तों में ज़िंदगानी के सारे हिस्सों में तू लिख दे मेरा उसे ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा, जब बना उसका ही बना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा, जब बना उसका ही बना (ऐ ख़ुदा, ख़ुदा...) उसका हूँ, उसमें हूँ, उससे हूँ, उसी का रहने दे मैं तो प्यासा हूँ, है दरिया वो, ज़रिया वो जीने का मेरे मुझे घर दे, गली दे, शहर दे उसी के नाम के क़दम ये चलें या रुकें अब उसी के वास्ते दिल मुझे दे अगर, दर्द दे उसका पर उसकी हो वो हँसी, गूँजे जो मेरा घर ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा, जब बना उसका ही बना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा, जब बना उसका ही बना मेरे हिस्से की ख़ुशी को, हँसी को तू चाहे आधा कर चाहे ले-ले तू मेरी ज़िंदगी, पर ये मुझ से वादा कर उसके अश्कों पे, ग़मों पे, दुखों पे, हर उसके ज़ख्म पर हक़ मेरा ही रहे, हर जगह, हर घड़ी, हाँ, उम्र भर अब फ़क़त हो यही, वो रहे मुझमें ही हो जुदा कहने को, बिछड़े ना पर कभी ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा, जब बना उसका ही बना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा, जब बना उसका ही बना मेरी क़िस्मत के हर एक पन्ने पे मेरे जीते-जी, बाद मरने के मेरे हर एक कल, हर एक लम्हे में तू लिख दे मेरा उसे ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा
Writer(s): Chirantan Bhatt, Junaid Wasi Lyrics powered by www.musixmatch.com
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