Lyrics

ढोल को खड़का, भीड़ को भड़का उतार शरम की माला जीत का जश्न हो, मस्त-मगन हो रस्ते की धूल उड़ा ला हो, ढोल को खड़का, भीड़ को भड़का उतार शरम की माला जीत का जश्न हो, मस्त-मगन हो रस्ते की धूल उड़ा ला अरे, मार मरेंगे, पार करेंगे सबको हम कर दें... चारो खाने चित (हट) (ए, हट) (हट, हट) चारो खाने चित (हट) राजयोग है, करो तैयारी दमखम पूरा, बात है भारी रक्त खौलेगा, तख्त मिलेगा अरे, बहुत हुआ है, अब अपनी बारी अपनी बारी सब पे भारी गद्दी अपनी हो सरकारी मीठी बोली, रूप धरा है बचना, उनकी बगल में आरी हाय! हुर्र, हट, लड़ें एक से दस विजय भव, ना हो टस-से-मस हुर्र, हट, लड़ें एक से दस विजय भव, ना हो टस-से-मस जय-जयकारा, है ललकारा अब तो हम कर दें... चारो खाने चित (हट) (ए, हट) (हट, हट) मस्तानों की टोली आयी सर पे साफ़ा बाँधे अरे, कमर को कस लो हाथ कलश लो, राजतिलक है माथे अरे, मस्तानों की टोली आयी सर पे साफ़ा बाँधे कमर को कस लो हाथ कलश लो, राजतिलक है माथे हुर्र, हट, मैदान में डट जिगरा फ़ौलाद का, हाथ में लठ हुर्र, हट, मैदान में डट जिगरा फ़ौलाद का, हाथ में लठ अरे, जय-जयकारा, है ललकारा अब तो हम कर दें... चारो खाने चित (हट) (ए, हट) (हट, हट)
Writer(s): Vikram Montrose, Yash Eshwari Lyrics powered by www.musixmatch.com
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