Lyrics

दिल मेरा तोड़ दिया उसने, बुरा क्यूँ मानूँ? दिल मेरा तोड़ दिया उसने, बुरा क्यूँ मानूँ? उसको हक़ है, वो मुझे प्यार करे या ना करे दिल मेरा तोड़ दिया उसने, बुरा क्यूँ मानूँ? पहले मालूम ना था, आज ये मैंने समझा "प्यार" कहते हैं जिसे, वो है दिलों का सौदा दिल की धड़कन को भला कैसे कोई क़ैद करे? ये तो आज़ाद है, जब चाहे जहाँ आहें भरे उसके रस्ते में खड़ी क्यूँ कोई दीवार करे? उसके रस्ते में खड़ी क्यूँ कोई दीवार करे? उसको हक़ है, वो मुझे प्यार करे या ना करे दिल मेरा तोड़ दिया उसने, बुरा क्यूँ मानूँ? सारे वादों का भरम पल में वो तोड़ गया ग़म के जिस मोड़ पे ला के वो मुझे छोड़ गया मैं उसी मोड़ की दहलीज़ पे सो जाऊँगी उम्र भर उसके लिए अजनबी हो जाऊँगी हर सितम शौक़ से मुझपे दिलदार करे हर सितम शौक़ से मुझपे दिलदार करे उसको हक़ है, वो मुझे प्यार करे या ना करे दिल मेरा तोड़ दिया उसने, बुरा क्यूँ मानूँ? बुरा क्यूँ मानूँ? बुरा क्यूँ मानूँ?
Writer(s): Sameer, Shravan, Nadeem Nadeem Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out