Lyrics

कभी भूल ना पाए भर गए महीने-साल बस चंद घड़ियाँ थीं, लेकिन ख़ुद से मैं करूँ सवाल नज़र चुराएँ, मुस्कुराएँ, रहा ना जाए पुरानी यादों में गुम हो जाएँ, रहा ना जाए बेचैनी ये जादुई छुपा लूँ मैं इसे अंदर कहीं बेचैनी ये जादुई मेरी आँखों में तुझे सब दिख गई सब दिख गई सब दिख गई काँच पे जो ओस थी छुप के नाम लिखते हम गिर गईं दीवारें फिर भी ना मिटे हैं हम (फिर भी ना मिटे हैं हम) नज़र चुराएँ, मुस्कुराएँ, रहा ना जाए पुरानी यादों में गुम हो जाएँ, रहा ना जाए बेचैनी ये जादुई छुपा लूँ मैं इसे अंदर कहीं बेचैनी ये जादुई मेरी आँखों में तुझे सब दिख गई सब दिख गई सब दिख गई सब दिख गई
Writer(s): Kabir Rajeev Kathpalia, Adarsh Gourav Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out