Letra
आँखों के पन्नो पे
मैंने लिखा था सौ दफा
लफ़्ज़ों मे जो इश्क़ था
हुआ ना होंठो से बयां
खुद से नाराज़ हूं
क्यूं वे-आवाज़ हूं
मेरी खामोशियां हैं सजा
दिल है ये सोचता
फिर भी नहीं पता
किस हक़ से कहूं बता
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
(मैं हूं hero, hero तेरा)
राहों में भी हर कदम
मैं तेरे साथ चला
हाथों में थे, ये हाथ मगर
फिर भी रहा फासला
सीने में है छुपे, एहसास प्यार के
बिन कहे तू सुन ले ज़रा
दिल हैं ये सोचता
फिर भी नहीं पता
किस हक़ से कहूं बता
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
तेरी वजह से हैं मिली
जीने की सब ख्वाहिशें
पा लूं तेरे दिल मे जगह
हैं ये मेरी कोशिशें
मैं बस तेरा बनूं
बिन तेरे ना रहूं
मैंने तो मांगी हैं ये दुआ
दिल हैं ये सोचता
फिर भी नहीं पता
किस हक़ से कहूं बता
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
कि मैं हूं hero तेरा
Writer(s): Gurbani Bhatia
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