गाने

क्यूँ ख़ामोश हो? कुछ तो कहो यूँ नाराज़ तो तुम ना रहो देखो है हमसे ख़फ़ा तिनका-तिनका क़ायनात का, क़ायनात का क्यूँ ख़ामोश हो? कुछ तो कहो यूँ नाराज़ तो तुम ना रहो मेरे उलझनें होके बेज़ुबाँ ढूँढें किनारा (किनारा) सुलझते नहीं, ये हैं ज़िद पे गुज़ारिशें ना माना ग़ुरूर तेरा देखो है हमसे ख़फ़ा तिनका-तिनका क़ायनात का, क़ायनात का हो राज़ी भी तू तो क्या फ़ायदा? ये दूरी बे-इंतिहा है मुमकिन अगर सवाल तो क्या? मजबूर भी है यहाँ जवाब तेरा देखो है हमसे ख़फ़ा तिनका-तिनका क़ायनात का, क़ायनात का क्यूँ खोए से हो? कुछ तो कहो ऐसे गुमसुम तो तुम ना रहो
Writer(s): Sujan Sinha Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out